हीमोग्लोबिन की कमी: मुख्य कारण, इसके बचाव और अचूक घरेलू उपाय

हीमोग्लोबिन सिर्फ एक प्रोटीन ही नहीं, यह हमारे शरीर की हर सांस में शांतिपूर्ण जीवन का रंग भरता है। और जब इसकी मात्रा कम हो जाती है, तो हमारा शरीर थकने लगता है, मन सुस्त पड़ जाता है और जीवन की गति धीमी सी हो जाती है। खासकर महिलाओं में यह समस्या होना आम है, परन्तु इसको हम अनदेखा नहीं कर सकते हैं।

इस आर्टिकल में हम जानेंगे:

  •  हीमोग्लोबिन की कमी के प्रमुख कारण। 
  •  इससे बचाव के कुछ असरदार उपाय।
  •  और कुछ घरेलू नुस्खे जो की शरीर को फिर से ऊर्जा से भर सकते हैं।

 हीमोग्लोबिन की कमी के प्रमुख कारण हैं।

1.आयरन की कमी 

  • आयरन हीमोग्लोबिन का मूल तत्व है। इसकी कमी से हमारा शरीर हीमोग्लोबिन बना ही नहीं पाता। क्योंकि हीमोग्लोबिन बनाने के लिए आयरन एक आवश्यक घटक है। 
  • खासकर महिलाओं में मासिक धर्म और गर्भावस्था के बाद महिलओं में आयरन की कमी होना आम है।

2.विटामिन B12 और फोलिक एसिड की कमी

  • ये दोनों पोषक तत्व नई लाल रक्त कोशिकाएं बनाने में सहायता करते हैं अगर इनका स्तर कम होगा तो हीमोग्लोबिन भी कम बनने लगता है।
  • B12 की कमी शाकाहारी लोगों में अधिक देखी जाती है।

3.अत्यधिक रक्तस्राव

  • बाहरी या आंतरिक चोट, सर्जरी,  भारी मासिक धर्म, पाइल्स, पेट में अल्सर, अत्यधिक रक्तस्राव होने से हीमोग्लोबिन कम हो जाता है।

4. किडनी और थायरॉयड संबंधी समस्याएं

  • किडनी से निकलने वाला हार्मोन (एरिथ्रोपोइटीन) लाल रक्त कोशिकाएं बनाने में मदद करता है।  इसकी कमी से भी हीमोग्लोबिन घटता है।

5.गर्भावस्था

गर्भावस्था के दौरान स्त्री को सही खान-पान की जरूरत होती है अगर सही तरीके से उन्हें पोषण नहीं मिलेगा तो उन्हें हीमोग्लोबिन की कमी अत्यधिक होगी।

7.पेट में कीड़े

  • पेट में कीड़े होने से यह खून को चूसते हैं और नया खून नहीं बनने देते हैं जिससे भी आयरन की कमी होती है।

6.आंतों में संक्रमण या (एब्सॉर्प्शन)अवशोषण की समस्या

  • अगर हमारे आंतों में किसी प्रकार का संक्रमण है, और हमारा शरीर आयरन या विटामिन्स को ठीक से अवशोषित नहीं कर पा रहा है, तब भी हीमोग्लोबिन की कमी हो सकती है।

आइये जानते है हीमोग्लोबिन की कमी से बचाव के उपाय

  • संतुलित आहार: हमें पर्याप्त मात्रा में आयरन, विटामिन B12, फोलिक एसिड और विटामिन C से भरपूर भोजन लेना चाहिए।

जैसे हरी पत्तेदार सब्जियां, दालें, अंडे, मछली, फल, और अनाज शामिल करें।

  • नियमित जांच: हर 6 महीने में CBC(पूर्ण रक्त गणना) टेस्ट करवाएं, खासकर अगर थकान या कमजोरी ज्यादा महसूस हो।
  • मासिक धर्म के दौरान विशेष ध्यान: मासिक धर्म के समय आप कोशिश करें की आयरन से भरपूर सप्लीमेंट्स या आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
  • गर्भावस्था में पोषण: गर्भावस्था के दौरान आप डॉक्टर की सलाह से आयरन और फोलिक एसिड की गोलियां लें।
  • मानसिक और शारीरिक तनाव कम करें: आप इस बात का ध्यान अवश्य दें की मानसिक और शारीरिक तनाव शरीर की पोषण अवशोषण करने की क्षमता को प्रभावित करता है।

आईए देखते हैं कुछ घरेलू उपाय:

1. अनार और सेब का रस– हर रोज सुबह खाली पेट अनार और सेब का ताजा रस पियें। यह आयरन और विटामिन C का बेहतरीन स्रोत है।

 2. चुकंदर और गाजर का मिश्रण- प्रतिदिन आप चुकंदर, गाजर और आंवला को मिलाकर इनका रस निकालें और इसका सेवन करें।यह रक्त को शुद्ध करता है और हीमोग्लोबिन बढ़ाता है।

 3. गुड़ और तिल का लड्डू- गुड़ आयरन का प्राकृतिक स्रोत है, और तिल में कैल्शियम व फोलिक एसिड भरपूर होता है प्रतिदिन एक छोटा लड्डू खाने से बहुत लाभ होता है।

 4. स्प्राउट्स और मूंग दाल- अंकुरित मूंग, चना और सोयाबीन में भरपूर मात्रा मे आयरन होता है इसलिए इसका सेवन सुबह के नाश्ते में शामिल करें।

 5. नींबू और आंवला- नींबू में विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है विटामिन C आयरन के अवशोषण को बढ़ाता है। आप खाना के साथ नींबू का रस या आंवला चूर्ण लें सकते है, बहुत फायदा मिलेगा।

6. गुड़ और काला चना- काले चने कों रात भर भिगो कर रखे और हर सुबह गुड़ के साथ खाएं यह खून बनाने में काफि मदत करता है।

7. किशमिश और खजूर- रात में 5 से 7 किशमिश और 1 से 2 खजूर को पानी में भिगोकर रखें और सुबह उसका पानी भी पी ले और खजूर-किशमिश को खाली पेट खाएं बहुत फायदा मिलेगा।

8. हरे पत्तेदार सब्जियां- आप ज्यादा से ज्यादा हरे पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें जैसे की पालक, मेंथी, सरसों, बिन्स (जैसे राजमा), दालें, मशरूम ब्रोकली मटर और कद्दू भी आयरन के अच्छे स्रोत हैं

9.अलसी और कद्दू के बीज का पाउडर- आप अलसी और कद्दू दोनों दोनों के बीच का पाउडर बनाकर दूध या सूप मेके साथ सेवन करें।

10. प्राणायाम और योग- अनुलोम-विलोम और भस्त्रिका प्राणायाम से शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह बेहतर होता है।यह लाल रक्त कोशिकाएं के कार्य को भी सशक्त करता है।

 भावनात्मक पक्ष : अपने शरीर की पुकार को सुनें

हीमोग्लोबिन की कमी सिर्फ एक चिकित्सा की स्थिति ही नहीं, यह हमारे शरीर की पुकार है — मुझे सही पोषण दो, मुझे विश्राम दो। खासकर महिलाओं के लिए यह एक आत्म-देखभाल का संकेत है। जब आप शरीर और मन की सुनती है तो, उसे पोषण देती हैं, तब वह आपको ऊर्जा, उत्साह और जीवन की चमक देता है।

निष्कर्ष

हीमोग्लोबिन की कमी को नजरअंदाज करना और खुद से दूरी बना लेना है। यह आर्टिकल आपको न सिर्फ जानकारी देता है, बल्कि आपको अपने शरीर से फिर से जुड़ने का राह भी देता है। आयरन-युक्त भोजन, घरेलू नुस्खे और आत्मीय देखभाल से आप फिर से ऊर्जा से भर सकती हैं।

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