PCOD क्या है? कारण, लक्षण, समस्याएं और घरेलू उपाय

आज के भाग दौड़ भरी जिंदगी में महिलाओं की जो सेहत है वह अक्सर पीछे छूट जाती है खासतौर पर हार्मोनल जैसी समस्याएं जैस PCOD (पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज)एक ऐसी स्थिति है जो आज के भाग दौड़ भरी जिंदगी में लाखों महिलाओं को प्रभावित कर रही है परंतु इस समस्या के बारे में अभी भी जानकारी बहुत कम है, आज हम जानेंगे कि पीसीओडी क्या है इसके लक्षण और घरेलू उपाय से राहत के तरीके जानेंगे।

PCOD क्या है?

आईए जानते हैं कि PCOD यानी (पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज) एक हार्मोनल गड़बड़ी है जिसमें महिलाओं की अंडाशय में छोटे-छोटे गांठें बन जाती है यह गांठ अंडाणु के विकास होने की प्रक्रिया को बाधित करती है,जिसके कारण मासिक धर्म भी अनियमित हो जाता है और फिर गर्भधारण में भी कठिनाई आती है।

PCOD के प्रमुख लक्षण

प्रत्येक महिला में PCOD यानी (पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज) के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं लेकिन कुछ सामान्य संकेत इस प्रकार है।

  • मासिक धर्म का अनियमित होना या बिल्कुल न आना।
  • चेहरे या शरीर पर अत्यधिक मात्रा में बाल आना।
  • वजन का बढ़ना, खासकर पेट के आसपास।
  • मूड स्विंग्स, चिड़चिड़ापन या डिप्रेशन होना।
  • इंसुलिन रेसिस्टेंस(इंसुलिन प्रतिरोध) – जिससे डायबिटीज का खतरा बढ़ता है।
  • त्वचा में दाग धब्बे,मुंहासे,ऑइली,स्किन का होना।
  • बालों का झड़ना या पतला होना।
  • माहवारी में बहुत ज्यादा या बहुत कम ब्लड आना।
  • कभी-कभी महीने तक माहवारी का ना आना।
  • अंडाशय में छोटे-छोटे गांठों का बनना।
  • बचपन की समस्या होना ओव्यूलेशन (अंडोत्सर्जन)अच्छे से न होने के कारण गर्भधारण में कठिनाई आती है।

PCOD से जुड़ी परेशानियाँ

PCOD यानी (पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज)सिर्फ मासिक धर्म की समस्या नहीं है, यह महिला के पूरे स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकता है:

  1. गर्भधारण में कठिनाई: PCOD के कारण अंडाणु का नियमित रूप से रिलीज़ न होना गर्भधारण को बहुत मुश्किल बना देता है।
  2. मेटाबॉलिक डिसऑर्डर: इंसुलिन रेसिस्टेंस के कारण वजन बढ़ता है और टाइप-2 डायबिटीज का खतरा रहता है हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट डिजीज का खतरा रहता है।
  3. मेंटल हेल्थ पर असर: लगातार हार्मोनलसंतुलन से तनाव, चिंता, सुस्त डिप्रेशन का शिकार होना।
  4. हृदय रोग का खतरा: PCOD से कोलेस्ट्रॉल असंतुलन और ब्लड प्रेशर की समस्या हो भी सकती है।
  5. कैंसर का खतरा:लंबे समय तक अनियमित माहवारी रहने से एंडोमेट्रियल कैंसर का खतरा बढ़ सकता है घरेलू उपाय: PCOD

(घरेलू उपाय: PCOD (पॉलीसिस्टिक पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज)में राहत पाने के देसी तरीके

PCOD का इलाज केवल दवाओं से ही नहीं होता। जीवनशैली में बदलाव और कुछ घरेलू उपायों से भी काफी राहत मिल सकती है तो आइए जानते है कुछ टिप्स–

  1. मेथी के बीज -1 चम्मच मेथी बीज को रातभर पानी में भिगोकर सुबह खाली पेट लें।
    यह इंसुलिन को नियंत्रित करने में बहुत मदद करता है।
  2. अश्वगंधा-हार्मोनल संतुलन और तनाव कम करने में कारगर है।
    सोने से पहले रोजाना 1 चम्मच पाउडर हल्के गुनगुने दूध या पानी के साथ लें।
  3. अलसी के बीजअलसी के बीजों में फाइबर,ओमेगा–3 फैटी एसिड, तत्व पाए जाते है जो कि हार्मोन को बैलेंस करने में मददगार। 1 चम्मच पिसी हुई अलसी रोज़ सुबह खाली पेट लें।
  4. दालचीनी-दालचीनी में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-बैक्टीरियल एंटी-फंगल, और एंटी-इंफ्लेमेटरीब्लड गुण पाया जाता है जो कि शुगर को कंट्रोल करता है और मासिक धर्म नियमित करने में मदद करता है। 1/2 चम्मच दालचीनी पाउडर गर्म पानी में मिलाकर रोज लें।
  5. तुलसी के पत्ते-तुलसी के पत्ते में एंटी-एंड्रोजन गुण होते हैं जो हार्मोन को संतुलित करते हैं।
    5-6 पत्ते रोज़ चबाएं या तुलसी की चाय या काढ़ा पिएं।
  6. गर्म नींबू पानी-हल्का गर्म पानी में नींबू मिला कर खाली पेट पिये जिससे काफी राहत मिलेगी।
  7. पुदीने की चटनी-पुदीने की चटनी बनाकर खाने से या चाय के रूप में प्रयोग करने से भी पीसीओडी में काफी हद तक राहत मिलती है, क्योंकि पुदीने के सेवन से तनाव कम करना पाचन क्रिया को सुधारने में बहुत कारगर है।इसमें मेन्थॉल, एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन ए, सी, और बी-कॉम्प्लेक्स, फास्फोरस, कैल्शियम, आयरन, पोटेशियम और मैग्नीज जैसे पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।
  8. हल्दी और जीरा पाउडर-हल्दी और जीरा का पाउडर गर्म पानी में मिलाकर सुबह खाली पेट पीने से बहुत ही रहता मिलता है।
  9. अधिक मात्रा में पानी-पूरे दिन में कम से कम हमें 2-3 लीटर पानी पीना चाहिए जिससे कि हमारा शरीर विषमुक्त बन सके।
  10. अदरक और गुड़-अदरक और गुड़ का सेवन एक साथ करने भी PCOD में हमें रात मिलती है।
  11. पपीता–पपीता में कैरोटीन होता है जो एस्ट्रोजन के उत्पादन को बढ़ाकर मासिक धर्म को नियमित करने में मदद करता है।

जीवनशैली में बदलाव-हम अपनी जीवन शैली में कुछ बदलाव करने पर भी PCOD से राहत मिल सकती है। नियमित व्यायाम–योगासन, वॉकिंग, डांसिंग,या ऐसी कोई भी एक्टिविटी जिससे कि हमारे शरीर में गतिशीलता हो।

संतुलित आहार-प्रोसेस्ड फूड, चीनी, कैफिन, और मैदा से परहेज करें।हरी सब्जियाँ, फल, साबुत अनाज और प्रोटीन युक्त भोजन लें।

तनाव कम –मेडिटेशन, प्राणायाम और अच्छी नींद PCOD को नियंत्रित करने में मदद बहुत करते हैं।

निष्कर्ष

PCOD एक आम लेकिन बहुत ही गंभीर समस्या है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। सही जानकारी, नियमित जीवनशैली और घरेलू उपायों से इसे काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। यह पोस्ट उन महिलाओं के लिए है जो हिंदी में व्यावहारिक और सांस्कृतिक रूप से प्रासंगिक जानकारी चाहती हैं।

मेरे और भी पोस्ट पढ़े

PCOD क्या है? कारण, लक्षण, समस्याएं और घरेलू उपाय

पीरियड्स के दौरान नींद को कैसे सुधारे- सही तरीके और उपाय।
एड़ी और तलवों में दर्द: कारण, रोकथाम और घरेलू उपचार।
माइग्रेन के अचूक घरेलू उपचार।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *