माइग्रेन के अचूक घरेलू उपचार।

माइग्रेन क्या है?

माइग्रेन एक तरह का तेज धड़कता हुआ सर दर्द है जो कि आमतौर पर हमारे सिर के एक तरफ दर्द होता है यह कुछ घंटे से लेकर कई दिनों तक रहता है, साथ ही मतली,उलटी,आंखों की रोशनी और आवाज के साथ संवेदन से जैसे लक्षण भी हो सकते हैं।


माइग्रेन के निम्न प्रकार है

माइग्रेन एक तरह का तेज धड़कता हुआ सर दर्द है जो कि आमतौर पर हमारे सिर के एक तरफ दर्द होता है यह कुछ घंटे से लेकर कई दिनों तक रहता है, साथ ही मतली,उलटी,आंखों की रोशनी और आवाज के साथ संवेदन से जैसे लक्षण भी हो सकते हैं।

प्रोड्रोम (पूर्व लक्षण): जब माइग्रेन शुरू होने से पहले का जो समय होता है उसे समय हमारे मूड का बिगड़ना थकावट होना कब्ज का होना या बार-बार पेशाब जाना।

ऑरा(माहौल या वातावरण) कई सारे व्यक्ति को सिर में दर्द से पहले कुछ दिक्कतें होती हैं जैसे आंखों में धुंधलापन ज्यादा चमकती रोशनी और झिलमिलाहट भी दिखाई देता है।

अटैक (आक्रमण या हमला): माइग्रेन का यह चरण जो होता है वह सबसे ज्यादा दर्दनाक होता है,क्योंकि इस चरण में बिल्कुल ही असहनीय दर्द शुरू होता है जो कि सिर के एक हिस्से में होता है।

पोस्टड्रोम (माइग्रेन का हैंगोवर): माइग्रेन के दर्द के बाद हमारे शरीर में ऐसी थकावट होती है कोई नशा किया हो जैसे चक्कर का आना सुस्ती का आना किसी काम में मन नहीं लगा बिल्कुल ही सुस्त लगता है

माइग्रेन के कुछ लक्षण इस प्रकार है।

प्रत्येक व्यक्ति के लिए माइग्रेन का जो अनुभव होता है वहअलग-अलग होता फिर भी इसके कुछ सामान्य लक्षण है।

  • सर के एक तरफ बहुत ही तेज आसानी में दर्द होना।
  • हल्का मतली और उल्टी जैसा अनुभव का होना।
  • रोशनी और आवाज में संवेदनशीलता का होना।
  • आंखों में धुंधलापन का होना या आकृति का दिखना।
  • कुछ भी बोलने या सोचने में मुश्किल होना।
  • हमारे शरीर में थकावट और चिड़चिड़ापन का होना।
  • महिलाओं में यह लक्षण ज्यादातर मासिक धर्म के आसपास देखने को मिलता है, खासकर के जब उनकी नींद पूरी न हो या मानसिक तनाव हो।

आइए अब जानते है माइग्रेन के क्या प्रमुख कारण है।

माइग्रेन में होने वाले दर्द के पीछे कई विशेष कारण हो सकते हैं, जिनमें की शारीरिक, मानसिक और हार्मोनल कारक भी शामिल हैं:

शारीरिक कारण:—सबसे पहले बात करते है शारीरिक कारण के बारे में ज्यादा तर यह परेशानी हमे पूरी तरह नींद ना लेने की कमी या फिर अनियमितता से भी होता है, डिहाइड्रेशन की कमी से भी यह परेशानी होती है साथ ही अधिक मात्रा में स्क्रीन टाइम जैसे –लगातार टीवी, मोबाइल, लैपटॉप या कंप्यूटर, इत्यादि का इस्तेमाल जिसमें तेज रोशनी होता है,साथ ही बहुत तेज आवाज से भी माइग्रेन का दर्द होता है।

मानसिक कारण:

तनाव या चिंताये —जब हम किसी बात को बहुत ज्यादा सोचते हैं परेशान रहते हैं टेंशन लेते हैं तनाव में रहते हैं बहुत ज्यादा सोचने के कारण भी हमारे सर में माइग्रेन का दर्द शुरू हो जाता है।

भावनात्मक असंतुलन (भावनाओं पे नियंत्रण)—जब हम अपनी भावनाओं पर नियंत्रण नहीं रख पाते हैं तब हमारे मस्तिष्क में उथल–पुथल होती है जिसके कारण भी हमारे सर में दर्द शुरू हो जाता है

अवसाद(थकावट, सुस्ती, उदासी)—जब हमारे शरीर में थकावट रहती है सुस्ती आने लगता है किसी काम में मन नहीं लगता बिल्कुल उदास उदास लगता है तब भी हमारे सिर में दर्द होने लगता है।

हार्मोनल कारण:

मासिक धर्म के दौरान बदलाव—मासिक धर्म के दौरान हमारे शरीर में कई प्रकार के बदलाव होते हैं जैसे कि समय से मासिक धर्म का न आना समय से पहले या देरी से आना या अधिक मात्रा में रक्तस्त्राव का होना,इस समय भी हमें दर्द का अनुभ होता है।

गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन—लगातार गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करने से भी माइग्रेन शुरू होता है।

रजोनिवृत्ति—एक महिला के लिए उनके जीवन में एक ऐसा चरण होता है जब महिला का मासिक धर्म पूरी तरह से बंद हो जाता है जिसके बाद वो गर्भवती नहीं हो पाती है इस दौरान हार्मोन के स्तर में बदलाव के कारण माइग्रेन होता।

आहार संबंधी कारण—:चॉकलेट, चीज़, रेड वाइन जैसे टट्रिगर फूड्स खाना अनियमित भोजन कैफीन की अधिक मात्रा में सेवन या अचानक कमी होना समय से खाना नही खाने से सिर में दर्द का होना।

घरेलू उपचार: राहत नहीं, सुकून

माइग्रेन का इलाज सिर्फ दवाओं से ही नहीं होता। बल्कि कई बार एक शांत माहौल (वातावरण) शांत माहौल या एक कप हर्बल चाय या माथे पर ठंडी पट्टी ही वह राहत दे सकती है जो दवा नहीं दे पातीहै।

1.बर्फ की थैली या ठंडी पट्टी–हम जब माथे पर ठंडी पट्टी रखते है तो नसों में सिकुड़न होती है और दर्द में हमें राहत मिलती है।

जानते है कैसे करें: एक साफ कपड़े में बर्फ को लपेटें और 10–15 मिनट तक माथे पर रखें।

2.अदरक की चाय–अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो मतली और दर्द दोनों को काफी हद तक कम करते हैं।

विधि:एक कप पानी में अदरक के टुकड़े या रस उबालें, छानें और नींबू मिलाकर पिएं।

3. लैवेंडर या पुदीना का तेल–लैवेंडर में एंटीऑक्सीडेंट और दर्दनिवारक क्षमता होती है।अरोमाथैरेपी तनाव को कम करती है और माइग्रेन में राहत देती है।

विधि: लैवेंडर या पुदीना के तेल को माथे और कनपटी पर हल्के हाथों से मालिश करें।

4. ध्यान और योग-तनाव माइग्रेन का सबसे बड़ा ट्रिगर है। योग और ध्यान से मानसिक शांति मिलती है।

योगासन:अनुलोम-विलोम, भ्रामरी प्राणायाम, शवासन, इत्यादि।

5. तुलसी की चाय–तुलसी इम्यून सिस्टम को मजबूत करती है और दर्द में बहुत राहत देती है।

विधि:तुलसी के पत्ते उबालें, छानें और शहद मिलाकर या बिना शहद के पिएं।

6.नारियल तेल की मालिश–गुनगुना नारियल तेल से मालिश करने से सिर की नसों को आराम मिलता है जिससे सिर का दर्द भी कम होता है।

विधि:रात को सोने से पहले हल्के हाथों से सिर की मालिश करें।

7.अजवाइन और कपूर धूप–अजवाइन और कपूर का धुआं सूंघने से भी बंद नसें खुलती हैं और राहत मिलती है।

8.डिहाइड्रेशन–पानी की कमी से भी माइग्रेन बढ़ सकती है। नींबू पानी जीरा पानी, और नारियल पानी काफी फायदेमंद हैं।

9.अंधेरे और शांत कमरे में आराम–माइग्रेन के दौरान रोशनी और शोर से और परेशानी होती हैं। ऐसे स्थिति में किसी शांत, ठंडे कमरे में लेटना लाभकारी होता है।

एक निजी संदेश

माइग्रेन सिर्फ एक शारीरिक दर्द ही नहीं है, यह एक भावनात्मक अनुभव भी है। जब सिर फटने असहनीय जैसा दर्द हो रहा हो ,रोशनी चुभने लगे और किसी भी तरह की आवाज़ें परेशान करें—तब हमे एक सुकून भरी चाय, एक शांत कमरा और थोड़ी आत्मीयता ही हमारा सबसे बड़ी दवा बन जाती है।

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